chhattisgarh news : रायपुर: अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले तीन दिनों के सामूहिक अवकाश और हड़ताल पर है। इस स्ट्राइक के पहले दिन राजस्व अफसरों ने जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया था तो आज दूसरे दिन वह संभागो में धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। वही कल हड़ताल के आखिर दिन तहसीलदार संगठन राजधानी रायपुर में प्रदर्शन कर शासन का ध्यानाकर्षण करेंगे।
गौरतलब है कि कि छत्तीसगढ़ राज्य के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने अवकाश लेते हुए तीन दिनों के विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उन्होंने 17 सूत्रीय मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
तहसीलदारों ने “संसाधन नहीं तो काम नहीं” का नारा देते हुए सोमवार को अपने तीन दिवसीय आंदोलन की शुरुआत की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा शासन से लंबे समय से अपनी समस्याओं को दूर करने की मांग की जा रही है। संघ की ओर से पहले भी शासन-प्रशासन को बार-बार इन मांगों से अवगत कराया गया है। लेकिन, कोई ठोस पहल न होने की स्थिति में अब प्रदेशभर के राजस्व अधिकारियों को आंदोलन की राह पर उतरना पड़ रहा है।
इस आंदोलन का सीधा असर आम लोगों पर दिखाई देने लगा है। उनके जमीन संबंधी काम के साथ ही नामांतरण, बंटवारा, खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि, जाति-आय और निवास प्रमाण पत्र के साथ ही सीमांकन और न्यायालयीन कार्य ठप्प पड़ गए है।
छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की मांगे
1 |
सभी तहसीलों में स्टाफ की पदस्थापना |
कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN, KGO, नायब नाजिर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक आदि की नियुक्ति या समय सीमा से मुक्ति। |
2 |
तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पदोन्नति |
50:50 अनुपात की पुनर्बहाली और पूर्व की घोषणा का क्रियान्वयन। |
3 |
नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा |
पूर्व में की गई घोषणा को तुरंत लागू किया जाए। |
4 |
ग्रेड पे सुधार |
तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे में शीघ्र सुधार। |
5 |
शासकीय वाहन की उपलब्धता |
ड्यूटी के लिए वाहन और चालक या वाहन भत्ता दिया जाए। |
6 |
निलंबन से बहाली |
बिना वैध प्रक्रिया निलंबित अधिकारियों की 15 दिन में जांच कर बहाली। |
7 |
न्यायालयीन प्रकरणों को जनशिकायत में न जोड़ा जाए |
कोर्ट के मामलों को शिकायत प्रणाली में न लिया जाए। |
8 |
न्यायिक आदेशों पर FIR न हो |
न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम 1985 के आदेशों का पालन और गैरजरूरी FIR से बचाव। |
9 |
न्यायालय में उपस्थिति हेतु अलग व्यवस्था |
न्यायालयीन कार्य के लिए प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग व्यवस्था। |
10 |
मानदेय भुगतान और नियुक्ति अधिकार |
आउटसोर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति हेतु तहसीलदार को अधिकार मिले। |
11 |
प्रशिक्षित तकनीकी ऑपरेटर की नियुक्ति |
Agristack, e-Court, भू-अभिलेख जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी। |
12 |
SLR/ASLR की बहाली |
भू अभिलेख कार्यों हेतु SLR/ASLR की पुनः नियुक्ति। |
13 |
मोबाइल नंबर की गोपनीयता |
TI की तरह शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस मिले। |
14 |
न्यायालय सुरक्षा व फील्ड भ्रमण हेतु साधन |
सुरक्षाकर्मी की तैनाती और वाहन की सुविधा मिले। |
15 |
सड़क दुर्घटना मुआवजा व्यवस्था |
₹25000 की तत्काल सहायता के लिए स्पष्ट गाइडलाइन्स। |
16 |
संघ को मान्यता |
शासन-प्रशासन से पत्राचार व वार्ता हेतु संघ को मान्यता मिले। |
17 |
विशेषज्ञ समिति का गठन |
राजस्व न्यायालयों की सुदृढ़ता के लिए विशेषज्ञ कमिटी या परिषद गठित हो। |