Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे सात डिप्टी कलेक्टर, तीन नायब तहसीलदार, सहित कई अन्य विभागों में अलग-अलग पदों पर काम कर अधिकारियों पर जल्द ही शिकंजा कसने वाला है । छत्तीसगढ़ में 154 अधिकारी कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। राज्य में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी करने के मामले में करीब दो साल पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी
सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश भर में उन लोगों की जांच करने का आदेश दिया था, जो दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इसी आदेश में ये भी कहा गया था कि दिव्यांग प्रमाण पत्र धारियों की मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई जाए, लेकिन अधिकांश लोग जांच के लिए नहीं आए। इसके साथ ही कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए थे। इस मामले की सुनवाई अभी जारी है। बताया गया है कि संबंधितों को अपने प्रमाणपत्रों की जांच करवाने और प्रमाणपत्र पेश करने कहा गया है। मामले की सुनवाई अब 20 अगस्त को होगी।
डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार सहित 154 लोगो के नाम
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ लंबे समय से कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है।इसको लेकर संघ कई बार राजधानी रायपुर में प्रदर्शन कर चुका है ,प्रदेश में अब तक फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले 154 लोगों के नाम सामने आए हैं। इनमें सात डिप्टी कलेक्टर, 52 ग्रामीण कृषि विस्तार है, 10 व्याख्याता, दो जनपद सीईओ, 10 सब इंजीनियर, 13 उप अभियंता, सहित सहायक, सहायक ग्रेड 2 और 3 में काम करने वाले कर्मियों सहित वित्त विभाग में काम करने वाले दो लेखा अधिकारी, दो वित्त विभाग में ही कार्यरत सहायक अधिनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, दो सहकारिता निरीक्षक, व्यायाम शिक्षक, शिक्षक अंग्रेजी, प्रयोग शाला सहायक सहित अन्य फर्जी अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं।