रायपुर: पहले से महंगाई का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के आम लोगों को अब बिजली आयोग झटका देने की तैयारी में है।
जानकारी के मुताबिक़ छत्तीसगढ़ में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी को संभवतः सरकार की मंजूरी मिल गई है और बिजली नियामक आयोग इसकी तैयारी में है। संभवतः बिजली कंपनी नई दरें जारी कर दी जाएंगी।
बताया जा रहा है कि, बिजली की क़ीमतों में यह इजाफा 20 प्रतिशत तक हो सकता है। कंपनी ने भी इतने ही फ़ीसदी बढ़ोत्तरी की मांग की थी। अब देखना होगा की नई दरों में यह इजाफा कितना होता है। लेकिन बिजली के कीमत में बदलाव तय माना जा रहा है। यह नई दरें अगले महीने यानी एक अगस्त से लागू होंगी
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की नई दरों (टैरिफ) की घोषणा की जाएगी। इसके बाद राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को अगस्त महीने से बढ़े हुए दरों पर बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा। आयोग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस बार की वृद्धि सामान्य है, लेकिन इसका असर हर वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 से 15 पैसे तक अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। इसका मतलब है कि जिन परिवारों की मासिक खपत ज्यादा है, उनका मासिक बिल पहले की तुलना में 30 से 100 रुपये तक बढ़ सकता है। वहीं, जिन उपभोक्ताओं की खपत कम है, उन पर असर सीमित रहेगा, लेकिन प्रभाव सब पर पड़ेगा।
बिजली कंपनियों का कहना है कि पिछले सालों में उत्पादन लागत बढ़ी है, कोयला, ट्रांसमिशन, रखरखाव और वितरण की लागत में लगातार वृद्धि हुई है। इन कारणों से दरों में संशोधन जरूरी हो गया था। बिजली नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव और आम जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर इस नई दर संरचना को मंजूरी दी है।
कॉमर्शियल (व्यावसायिक) उपभोक्ताओं को भी इस बार राहत नहीं मिल पाई है। उनके लिए भी दरों में इजाफा किया गया है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को प्रति यूनिट 15 से 25 पैसे तक अधिक भुगतान करना होगा। इससे छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े संस्थानों तक का मासिक बिजली बिल प्रभावित होगा।
कृषि उपभोक्ताओं पर भी इस बार अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग होने वाली बिजली पर अब ज्यादा भुगतान करना होगा। हालांकि सरकार की योजना है कि किसानों को कुछ हद तक सब्सिडी दी जाए, लेकिन अंतिम निर्णय टैरिफ आदेश जारी होने के बाद ही स्पष्ट होगा।
बिजली नियामक आयोग के सूत्रों के अनुसार, नई दरें 1 जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जाएंगी, लेकिन उपभोक्ताओं को इनका असर अगस्त माह के बिलों में दिखाई देगा क्योंकि जुलाई की खपत का बिल अगस्त में आता है।
उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों ने इस वृद्धि पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहले से ही महंगाई का बोझ आम जनता झेल रही है और अब बिजली बिल बढ़ने से घरेलू बजट और प्रभावित होगा।
सरकार की ओर से अब तक कोई राहत की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन संभावना है कि गरीब वर्ग और बीपीएल कार्डधारियों के लिए कुछ छूट की घोषणा जल्द की जा सकती है।
बिजली दरों में यह संशोधन पूरे राज्य में लागू होगा और इसका असर शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक महसूस किया जाएगा। आयोग ने अपील की है कि उपभोक्ता ऊर्जा की बचत करें ताकि बढ़े हुए दरों का बोझ कम महसूस हो।