बेमेतरा : पिछले कुछ समय से देखा गया है कि, स्कूली छात्र-छात्राएं सरकार-प्रशासन विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे है। स्कूली-छात्र-छात्राएं अक्सर चक्काजाम, विरोध, धरना-प्रदर्शन जैसी गतिविधियों को माध्यम बनाकर शासन तक अपनी बात पहुँचाने का प्रयास करते है। स्कूली छात्र-छात्राओं को ऐसा करने से रोकने की जिम्मेदारी संस्था प्रमुखों की होती है, लेकिन वह भी अपनी कर्तव्यों का निर्वहन करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। हालांकि अब ऐसी परिस्थितियों से निबटने शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है।
दरअसल बेमेतरा जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्राचार्यों को इस संबंध में खत प्रेषित कर निर्देशित किया है। पत्र में कहा गया है कि, “जिले अंतर्गत प्रायः देखा जा रहा है कि विषयवार शिक्षक की मांग को लेकर विद्यालयीन छात्र/छात्राओं द्वारा उच्च कार्यालय के अनुमति के बिना विद्यालयीन समय में ग्रामवासियों के साथ धरना प्रदर्शन, तालाबंदी एवं चक्काजाम जैसी गतिविधियों में संलिप्त होते हुए शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं सीधे उच्च कार्यालय पहुंचकर विषयवार शिक्षक मांग की ज्ञापन प्रस्तुत की जा रही है, जो कि अत्यंत खेद पूर्ण एवं अप्रिय स्थितियों को निर्मित करता है।”
पत्र में आगे उल्लेख किया गया है कि, “विदित है शिक्षक नियुक्ति शासन स्तर का विषय है एवं जिले के रिक्त पदों पर नियुक्ति शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। अतएव उक्त संबंध में आपको निर्देशित किया जाता है कि भविष्य में आपके विकासखण्ड / विद्यालय के छात्र / छात्राओं द्वारा धरना प्रदर्शन, तालाबंदी एवं चक्काजाम जैसी अवैधानिक गतिविधियों में सम्मिलित होने एवं सीधे उच्च कार्यालय पहुंचने की स्थिति में आपके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए वेतन रोके जाने की कार्यवाही की जावेगी, जिसकी जिम्मेदारी आप स्वयं की होगी। उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें।”