0 पीड़ित परिवार ने कलेक्टर-एसपी से की मांग

कोरबा। एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा कोयला उत्खनन के लिए निजी भूमि एवं भूमि पर स्थित मकान, श्री कामद गिरी उद्यान में लगे पेड़ इत्यादि का अतिरिक्त मुआवजा राशि प्रदान कराने एवं बिना सूचना के मकान को तोड़ने वालों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत कानूनी कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर-एसपी से आग्रह किया गया है।

प्रार्थी राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि कोयला उत्खनन के लिए एसईसीएल गेवरा क्षेत्र द्वारा प्रार्थी एवं परिवार का ग्राम अमगांव जिला कोरबा में भूमि अधिग्रहण किया गया है। यह है कि भू विस्थापित उदय नारायण जायसवाल एवं उनके चार पुत्र क्रमशः संजय जायसवाल, प्रेम जायसवाल, राजेश जायसवाल, दिनेश जायसवाल द्वारा अर्जित भूमि पर स्कूल, रिहायशी मकान एवं श्री कामद गिरी उद्यान का निर्माण कराया गया था। चूंकि अर्जित भूमि पर बने स्कूल, रिहायशी मकान एवं श्री कामद गिरी उद्यान का मुआवजा निर्धारण एसईसीएल द्वारा दिनांक 01.09.2015 के पश्चात किया गया है जिसका कोयला मंत्रालय के दिशा निर्देश अनुसार RFCTLARR एक्ट 2013 की अनुसूचि 01 के तहत मुआवजा का पुर्ननिर्धारण किया गया है।
भू विस्थापित परिवार को भूमि पर स्थित मकान श्री कामद गिरी उद्यान में स्थित पेड़, कुंआ, बोर, इत्यादि का अतिरिक्त मुआवजा राशि का भुगतान किये बिना ही दिनांक 29.05.2025 को दोपहर लगभग 3 बजे एसईसीएल दीपका क्षेत्र प्रबंधन के अधिकारी सुशील साहू, रोशन मेश्राम एवं एसईसीएल दीपका क्षेत्र खदान में मिट्टी निकालने वाली कलिंगा कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित 3 जेसीबी लेकर बिना कोई सूचना के भू विस्थापित एवं उनके परिवार के मकान को तोड़ना चालू कर दिये। भू विस्थापित परिवार द्वारा दीपका क्षेत्र के अधिकारियों से कहा गया कि भू विस्थापित एवं परिवार के मकान को तोड़ने का कोई न्यायालयीन आदेश हो तो दिखाईये ? परंतु उनके द्वारा ऐसा कोई आदेश नहीं दिखाया गया।
एसईसीएल दीपका क्षेत्र के अधिकारी सुशील साहू एवं रोशन मेश्राम,कलिंगा कंपनी के अधिकारी कर्मचारी की मौजूदगी में बिना सूचना के लगभग 4 घंटे चले जेसीबी मशीन से भू विस्थापित परिवार के मकान को संपूर्ण रूप से तोड़ दिया गया है एवं मकान एवं उद्यान में लगे पेड़-पौधों को भी काट दिया गया है।
भूमि एवं मकान, उद्यान इत्यादि का अतिरिक्त मुआवजा दिये बिना, बिना सूचना के, ना ही काई न्यायालयीन आदेश बिना भू विस्थापित परिवार के मकान को तोड़ने से मकान के अंदर रखे उपयोगी समान नष्ट हो गये जिससे भू विस्थापित परिवार को लाखों रूपयों का नुकसान हुआ है।
निवेदन किया गया है कि भू विस्थापित एवं परिवार को बिना सूचना के मकान तोड़ने वाले एसईसीएल दीपका क्षेत्र के अधिकारियों एवं कलिंगा कंपनी के अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत कानूनी कार्यवाही की जाये व भू विस्थापित व परिवार को निजी भूमि पर बने रिहायशी मकान, श्री कामदगिरी उद्यान का अतिरिक्त मुआवजा राशि भुगतान करने के लिए निर्देश देने की कृपा करें।

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Khem Lal Sahu
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